Wednesday, November 14, 2018

डिजिटल लेनदेन में ज़बरदस्त वृद्धि दर्ज

भारत में डिजिटल भुगतान के लेनदेन में पिछले दो वर्षों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई है । भुगतान के नवीन तौर तरीक़े- भारत इंटरफेस फॉर मनी- युनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (भीम-यूपीआई), आधार समर्थित भुगतान प्रणाली (एइपीएस) एवं नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनइटीएस) ने व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) के साथ साथ व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतानों में वृद्धि करडिजिटल भुगतान के वातावरण कारूपांतरण कर दिया है । इसके साथ ही भुगतान के मौजूदा साधनों जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इमीजिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) एवं प्री पेड इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) ने भी अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है । घातांकी वृद्धि से भुगतान के नवीन साधन इसके मौजूदा साधनों जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आईएमपीएस एवं पीपीआई के सुविधाजनक विकल्प के तौर पर उभरे हैं । भारत इंटरफेस फॉर मनी- युनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (भीम-यूपीआई) के अंतर्गत मासिक लेनदेन की संख्या सितम्बर 2018 के दौरान पहली बार भुगतान के किसी अन्य मौजूदा साधन से आगे निकल गई है ।

डिजिटल भुगतान के लेनदेन में अभूतपूर्व बढ़ोतरीः

कुल लेनदेन1:अक्टूबर, 2016 मेंडिजिटल भुगतान से लेनदेन की संख्या 79.67 करोड़ थी । अगस्त, 2018 में यह 207बढ़कर 244.81 करोड़ हो गई । अक्टूबर, 2016 में लेनदेन की कुल धनराशि 108.7 लाख करोड़ रुपये थी जो कि अगस्त, 2018 में 88बढ़ कर 204.86 लाख करोड़ रुपये हो गई ।

भुगतान के नवीन साधनों में उच्च वृद्धिः

भीम-यूपीआई2की वृद्धि:अक्टूबर, 2016 मेंभारत इंटरफेस फॉर मनी- युनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (भीम-यूपीआई) से होने वाले लेनदेन की संख्या 48 करोड़ रुपये की धनराशिसमेत 1.031 लाख की थी, जो कि अक्टूबर, 2018 में बढ़ कर 74,978.27 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ 48.236 करोड़ हो गई ।

एइपीएस3में बढ़ोतरी:अक्टूबर, 2016 मेंआधार समर्थित भुगतान प्रणाली (एइपीएस) के अंतर्गत 221 करोड़ रुपये की धनराशि के साथहोने वाले लेनदेन की कुल संख्या 2.57 करोड़ थी, जो संख्या अक्टूबर, 2018 में 5893 करोड़ रुपये की धनराशि समेत 15.07 करोड़ हो गई ।

भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) में युटिलिटी बिल पेमेंट4के रूप में बढ़ोतरीः अक्टूबर, 2016 में 0.035 करोड़ रुपये की धनराशि समेत बीबीपीएस के लेनदेन की संख्या 11,000 थी, जो अक्टूबर, 2018 में 910 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ 2.94 करोड़ हो गई ।

नेशनल इ-टोल कलेक्शन (एनइटीसी): दिसम्बर, 2016 में इलेक्ट्रॉनिट टोल संग्रहण के लिये टोल प्लाज़ा पर FASTAG के इस्तेमाल से एनइटीसी की शुरुआत हुई । अक्टूबर, 2018 में एनइटीसी के उपयोग से FASTAG का उपयोग  कर टोल प्लाज़ा पर 502 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन की संख्या 2.22 करोड़ है ।

·         श्रोतः रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया, एनपीसीआई, 56 बैंकों द्वारा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयको प्रदान आंकड़ों के आधार पर
·         श्रोतः एनपीसीआई वेबसाइट
·         श्रोतः साप्ताहिक आधार पर एनपीसीआई द्वारा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयको प्रदान सूचना के आधार पर
·         श्रोतः साप्ताहिक आधार पर एनपीसीआई द्वारा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयको प्रदान सूचना के आधार पर

भुगतान के मौजूदा साधनों में डिजिटल भुगतान लेनदेन में वृद्धि-डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इमीजिएट पेमेंट सिस्टम (आईएमपीएस) एवं प्री पेड इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई)

मौजूदा चार साधनों के अंतर्गत डिजिटल लेनदेन के परिमाण (करोड़ में) में वृद्धि

वित्त वर्ष
लेनदेन की संख्या (करोड़ में)
वर्ष दर वर्ष वृद्धि दर (प्रतिशत)





2007-08
38.4
9%





2008-09
38.7
1%





2009-10
40.4
4%





2010-11
50.2
24%





2011-12
67.8
35%





2012-13
93.2
37%





2013-14
127.7
37%





2014-15
181.6
42%





2015-16
292.8
61%





2016-17
595.7
103%





2017-18
921.7
55%





2018-19
580.1
NA

(Till Aug) (अगस्त तक)
 



  
आंकड़े करोड़ में, श्रोतः पेमेंट सिस्टम इंडिकेटर रिपोर्ट, डीबीआईइ, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई)

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