वाशिंगटन: अमेरिका में मीडियाकर्मियों पर हमला हुआ है. एनापोलिस राज्य की राजधानी मेरीलैंड में गुरुवार को अखबार कैपिटल गजट के न्यूजरूम में एक बंदूकधारी घुस आया और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. मौके पर पहुची पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है. हमले की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है.
हमलावर की पहचान 38 वर्षीय शख्स जेरोड रैमोस के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि यइ शख्स अखबार 'कैपिटल गजट' से अपनी दुश्मनी मानता था. साल 2012 में आरोपी शख्स ने अखबार के खिलाफ मानहानि का केस किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. साल 2006 में कोर्ट ने इस आपराधिक छवि का शख्स घोषित किया था.
क्राम्फ ने कहा , “ हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वह कौन सा अकांउट था और यह पुष्टि करने का प्रयास कर रहे हैं कि असल में धमकियां किसने भेजी थी. ”
कैपिटल गजट के संपादक जिम्मी डिबट्स ने ट्वीट किया कि इस घटना से वह “ तबाह , उदास और स्तब्ध ” हैं.
उन्होंने लिखा , “ मैं कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हूं , बस इतना जानता हूं कि कैपिटल गजट समाचारपत्र के संवाददाता और संपादक हर दिन अपना सबकुछ इस अखबार के नाम कर देते हैं. यहां हफ्ते में केवल 40 घंटे काम नहीं करना होता , न मोटी तनख्वाह मिलती है - बस हमारे समाज की कहानियां बताने का जुनून होता है. ”
गोलीबारी की यह घटना वर्जीनिया की 2015 की उस घटना की याद दिलाती है जिसमें एक स्थानीय टेलीविजन पर सीधे प्रसारण के दौरान दो पत्रकारों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के शिकार लोगों के साथ संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा, ‘‘पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ मेरी दुआएं हैं. मौके पर तुरत फुरत पहुंचे सभी लोगों का शुक्रिया.’’ मालूम हो कि अमेरिका में बंदूक की काफी दुकानें हैं. यहां किसी के लिए भी बंदूक खरीदना बेहद आसान होता है. शायद इस वजह से यहां हमले की कई वारदातें हो चुकी हैं.
Source:-ZEENEWS
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हमलावर की पहचान 38 वर्षीय शख्स जेरोड रैमोस के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि यइ शख्स अखबार 'कैपिटल गजट' से अपनी दुश्मनी मानता था. साल 2012 में आरोपी शख्स ने अखबार के खिलाफ मानहानि का केस किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. साल 2006 में कोर्ट ने इस आपराधिक छवि का शख्स घोषित किया था.
क्राम्फ ने कहा , “ हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वह कौन सा अकांउट था और यह पुष्टि करने का प्रयास कर रहे हैं कि असल में धमकियां किसने भेजी थी. ”
कैपिटल गजट के संपादक जिम्मी डिबट्स ने ट्वीट किया कि इस घटना से वह “ तबाह , उदास और स्तब्ध ” हैं.
उन्होंने लिखा , “ मैं कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हूं , बस इतना जानता हूं कि कैपिटल गजट समाचारपत्र के संवाददाता और संपादक हर दिन अपना सबकुछ इस अखबार के नाम कर देते हैं. यहां हफ्ते में केवल 40 घंटे काम नहीं करना होता , न मोटी तनख्वाह मिलती है - बस हमारे समाज की कहानियां बताने का जुनून होता है. ”
गोलीबारी की यह घटना वर्जीनिया की 2015 की उस घटना की याद दिलाती है जिसमें एक स्थानीय टेलीविजन पर सीधे प्रसारण के दौरान दो पत्रकारों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के शिकार लोगों के साथ संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा, ‘‘पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ मेरी दुआएं हैं. मौके पर तुरत फुरत पहुंचे सभी लोगों का शुक्रिया.’’ मालूम हो कि अमेरिका में बंदूक की काफी दुकानें हैं. यहां किसी के लिए भी बंदूक खरीदना बेहद आसान होता है. शायद इस वजह से यहां हमले की कई वारदातें हो चुकी हैं.
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