नई दिल्ली: आइडिया और वोडाफोन इंडिया का मर्जर अपने अंतिम दौर में है. जून के अंत तक मर्जर पूरा हो सकता है. लेकिन, उससे पहले बैंकों को प्रस्तावित मर्जर से डर लग रहा है. दरअसल, बढ़ते NPA और फंसे कर्ज से बैंकों की हालत खस्ता है. खासकर टेलीकॉम सेक्टर से उसे बड़ा नुकसान हुआ है. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आइडिया-वोडाफोन के प्रस्तावित मर्जर पर संदेह उठाया है. आइडिया के वर्किंग कैपिटल की लिमिट रिन्यू के प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए SBI ने यह संदेह उठाया. प्रस्ताव से बैंक के कुछ दस्तावेजों को DNA ने एक्सेस किया है. इसमें आइडिया के बड़े नुकसान की चर्चा है, जिसमें वोडाफोन को लेकर यह चिंता जाहिर की गई है कि इससे वोडाफोन इंडिया मर्जर से बाहर हो सकती है.
वोडाफोन ने दी सफाई
हालांकि, आइडिया सेल्युलर ने बार-बार पूछने पर भी डीएनए के सवालों का जवाब नहीं दिया. वहीं, वोडाफोन ने इस तरह की अटकलों को बिल्कुल बेबुनियाद करार दिया है. वोडाफोन के एक प्रवक्ता ने डीएनए को भेजे एक ई-मेल के जवाब में कहा कि विलय के लिए जरूरी मंजूरी ली जा चुकी हैं. डीएनए के सवाल के जबाव में SBI के प्रवक्ता ने कहा कि यह पॉलिसी से जुड़ा मामला है, बैंक इस मामले में कोई जवाब नहीं दे सकता है.
जियो की वजह से हुआ बड़ा नुकसान
रिलायंस जियो के टेलीकॉम इंडस्ट्री में सस्ते डाटा ऑफर करने से आइडिया और वोडाफोन जैसी कंपनियों को प्राइस वॉर का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें बड़ा घाटा हुआ है. आइडिया की आय में कमी, फाइनेंसिंग चार्ज और स्पेक्ट्रम नहीं मिलने की वजह से काफी नुकसान हुआ है. यह पूरी इंडस्ट्री पर लागू होता है.
Source:-ZEENEWS
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वोडाफोन ने दी सफाई
हालांकि, आइडिया सेल्युलर ने बार-बार पूछने पर भी डीएनए के सवालों का जवाब नहीं दिया. वहीं, वोडाफोन ने इस तरह की अटकलों को बिल्कुल बेबुनियाद करार दिया है. वोडाफोन के एक प्रवक्ता ने डीएनए को भेजे एक ई-मेल के जवाब में कहा कि विलय के लिए जरूरी मंजूरी ली जा चुकी हैं. डीएनए के सवाल के जबाव में SBI के प्रवक्ता ने कहा कि यह पॉलिसी से जुड़ा मामला है, बैंक इस मामले में कोई जवाब नहीं दे सकता है.
जियो की वजह से हुआ बड़ा नुकसान
रिलायंस जियो के टेलीकॉम इंडस्ट्री में सस्ते डाटा ऑफर करने से आइडिया और वोडाफोन जैसी कंपनियों को प्राइस वॉर का सामना करना पड़ा, जिससे उन्हें बड़ा घाटा हुआ है. आइडिया की आय में कमी, फाइनेंसिंग चार्ज और स्पेक्ट्रम नहीं मिलने की वजह से काफी नुकसान हुआ है. यह पूरी इंडस्ट्री पर लागू होता है.
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